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श्री श्याम नाम की महिमा


परम पूज्य गुरुदेव डॉक्टर स्वामी शिव चंद्र जी महाराज के उपदेशों के अनुसार इस कलयुग में जप तप और योग का समय हम सांसारिक प्राणियों के पास नहीं है इसलिए हम सांसारिक प्राणी सिर्फ नाम सिमरन से भवसागर को पार कर सकते हैं निरंतर जय श्री श्याम एवं जय श्री राम के उच्चारण मात्र से हम श्री श्याम प्रभु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं श्री श्याम प्रभु कलयुग में सहज ही कृपा करने वाले और हारे का सहारा बनने वाले परम दयालु प्राणी मात्र को अभय प्रदान करने वाले परम कल्याणकारी हैं कलयुग में निरंतर शाम नाम जाप करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट होकर अभय को प्रदान करता है इस वेबसाइट का निर्माण समस्त जगत के कल्याण के लिए किया गया है आप सभी से हमारा निवेदन है जितना भी समय आप खाली हो उस समय आप इस वेबसाइट पर श्री श्याम जय या श्री राम का जाप करें इसी में प्राणी मात्र का कल्याण है गुरुदेव के कथन अनुसार एवं सनातन धर्म में शास्त्रों में विदित



1,25,000 -नाम लेखन से इस जन्म में अर्जित पापों का नाश होना शुरू हो जाता है

2,25,000 -नाम लेखन से जीवन के पापों का शमन हो जाता है एवं सभी प्रकार के एवं क्रूर ग्रहों का निवारण होना शुरू हो जाता है

5,00,000 -नाम लेखन के बाद श्री श्याम प्रभु की कृपा से मानव के अंदर भक्ति का उदय होना शुरू होता है

10,00,000- नाम लेखन के पश्चात पूर्व जन्म में किए गए के कारण इस जन्म में हम कष्ट भोग रहे होते हैं उन पापों का नाश होना शुरू हो जाता है

25,00,000 -नाम लेखन के पश्चात जीवन के सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है एवं समस्त प्रकार की ऐश्वर्या एवं मुक्ति का फल मिलता है

50,00,000 -नाम लेखन के पश्चात सभी तरह के पवित्र तीर्थों का पुण्य एवं सभी प्रकार के सनातन यज्ञ का फल मिलता है

75,00,000- नाम लेखन के पश्चात अनेक जन्मों के पापों का नाश हो जाता है और प्रभु हनुमान जी की भक्ति एवं श्री श्याम प्रभु की अखंड भक्ति मिलती है

1,00,00,000नाम लेखन के पश्चात अश्वमेघ यज्ञ द्विगुण रूपी फल मिलता है और सभी पापों से मुक्त होकर के प्राणी प्रभु श्याम के परम लोक श्री गोलोक धाम मैं जाकर श्री श्याम प्रभु का सानिध्य प्राप्त करता है

जय श्री श्याम जय श्री राम जय श्री बालाजी महाराज